मौत

मौत

जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है,
वह सदा अच्छे कार्य में,
लगा रहता है।
B. R. Ambedkar

व्यक्ति

व्यक्ति

आप इतने छोटे बनिये कि,
हर व्यक्ति आप के
साथ बैठ सके,और आप ,
इतने बड़े बनिये कि,
जब आप खड़े हो तो कोई,
बैठा ना रहे ।

साक्षात्कार

साक्षात्कार

परमात्मा व्यक्ति नहीं है उसका,
साक्षात्कार नहीं हो सकता,
परमात्मा शक्ति है लेकिन शक्ति,
भी पढार्थगत नहीं है आत्म गत है,
इसलिए उसका पहला अनुभव,
स्वयं में प्रवेश पर ही होता है।
OSHO

विजय

विजय

अपने निंदा सहने की शक्ति रखने,
वाला व्यक्ति मानो विश्व पर,
विजय पा लेता है।

शांति

शांति

चलते ,खड़े, बैठते अथवा सोते हुए,
जो व्यक्ति मन को शांत रखता है,
वह निश्चित ही शांति को प्राप्त हो जाता है।

Lord Buddha

धोखेबाज

धोखेबाज

'कुल्टा पत्नी धोखेबाज मित्र जवाब देने,
वाला नौकर और घर में सर्प रखने वाला,
व्यक्ति मृत्यु के साथ रहता है।

Chankya
'

अवसर

अवसर

कोई भी दो व्यक्ति एक से नहीं हो,
सकते आप लोगों की तुलना नहीं कर सकते,
आप बस बराबर अवसर दे सकते हैं।

अपर्याप्तता

अपर्याप्तता

किसी से अटैच होना दुसरे व्यक्ति के बारे में नहीं है,
ये आपकी अपनी अपर्याप्तता के बारे में है।

मुस्कुराहट

मुस्कुराहट

एक कामयाब व्यक्ति के होंठो पर ,
हमेशा चुप्पी और मुस्कुराहट होती हैं I

Mark Zuckerberg

प्रसन्नचित

प्रसन्नचित

सकरात्मक सोच से व्यक्ति ,
सदा तनाव से ,
मुक्त होकर प्रसन्नचित रहता है I

BK SHIVANI

बुद्धिमान

बुद्धिमान

जितना एक मूर्ख व्यक्ति किसी बुद्धिमानी
भरे उत्तर से नहीं सीख सकता
उससे अधिक
 एक बुद्धिमान एक मूर्खतापूर्ण
प्रश्न से सीख सकता है।

Bruce Lee

परमेश्वर

परमेश्वर

जब तक कोई व्यक्ति सत्य ,
नहीं बोलता वो परमेश्वर को ,
नहीं पा सकता जो की ,
सत्य की आत्मा हैं।
Swami Paramhans

सांसारिक व्यक्ति

सांसारिक व्यक्ति

एक सांसारिक व्यक्ति जो ,
पूरी ईमानदारी से ,
ईश्वर के प्रति समर्पित नहीं है ,
उसे अपने जीवन में ईश्वर से ,
भी कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिये।
Swami Paramhans

लगातार चिंतन

लगातार चिंतन

व्यक्ति जो चाहे बन सकता है ,
यदी वह विश्वास के साथ ,
इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे I
Shrimad Bhagwad Gita

 ज्ञानी व्यक्ति

ज्ञानी व्यक्ति

' ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को ,
एक रूप में देखता है ,
वही सही मायने में  देखता है I
Shrimad Bhagwad Gita '

 व्यक्ति का पतन

व्यक्ति का पतन

क्रोध से भ्रम पैदा होता है ,
भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है ,
तब तर्क नष्ट हो जाता है ,
जब तर्क नष्ट होता है ,
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है I
Shrimad Bhagwad Gita

धूर्त व्यक्ति

धूर्त व्यक्ति

धूर्त व्यक्ति अपने स्वार्थ के ,
लिए दूसरों की सेवा करते हैं।
Chanakya

जीवित व्यक्ति

जीवित व्यक्ति

पूंजीवादी समाज में ,
पूँजी स्वतंत्र और व्यक्तिगत है ,
जबकि जीवित व्यक्ति आश्रित है ,
और उसकी कोई वैयक्तिकता नहीं है |
KARL MARX

उस व्यक्ति ने

उस व्यक्ति ने

उस व्यक्ति ने अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता.